महात्मा गांधी हिंदी भाषण-1
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महात्मा गांधी हिंदी भाषण-3
लोग उन्हें आदर के साथ बापू कहकर बुलाते थे। भारत सरकार ने आज के दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया हुआ है। महात्मा गांधी की ताकत सत्य और अहिंसा के सिद्धांत थे। सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर उन्होंने आजादी की लड़ाई में कई आंदोलन किए और अंग्रजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। उनके चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी सत्याग्रह, भारत छोड़ा आंदोलन ने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव कमजोर करने में बड़ा रोल अदा किया।
गांधीजी सत्य व निर्भीकता के सिद्धांत के महत्व की ओर आकर्षित हुए। गांधी जी की उम्र महज 13 साल थी जब उनकी शादी पोरबंदर की कस्तूरबा से कर दी गई। कस्तूरबा से स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी जी का पूरा सहयोग किया।
दे दि हमे आजादी बिना खडग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल। साथियों ये महात्मा गांधी का करिश्माई नेतृत्व ही था जिसने बिना हथियार उठाए भारत पर 200 सालों से राज कर रही ताकतवर ब्रिटिश हुकूमत को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
जय हिंद..। जय भारत..। भारत माता की जय...||
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महात्मा गांधी हिंदी भाषण-4
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण एवम मेरे प्यारे सहपाठियों. आज मैं बहुत खुश हूँ कि इस पावन अवसर पर मुझे कुछ कहने का अवसर मिला. जैसा कि हम जानते हैं कि भारत में हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और राजनेता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। देशभर में गांधी जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश होता है। महात्मा गांधी के त्याग और देश की आजादी में अहम योगदान के लिए उन्हें राष्ट्रपिता का दर्जा दिया गया है। देश के लोगों ने उन्हें बापू कहकर पुकारा।
सिर्फ देश के लिए आजादी की लड़ाई लड़ी, बल्कि समाज सुधार के कार्य भी किए। गांधी जी समाज में फैली बुराइयों जैसे छुआछूत, शराब, जातीय भेदभाव, असमानता, महिलाओं के साथ भेदभाव के भी घोर विरोधी थी। उन्होंने सिर्फ आजादी की ही लड़ाई नहीं लड़ी बल्कि समाज में दलितों की स्थिति बेहतर करने व उन्हें बराबरी का हक दिलाने के लिए भी लड़ाई लड़ी। दलित आंदोलन किया। छुआछूत के खिलाफ जबरदस्त आवाज उठाई।
उनके अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया ने सलाम किया, यही वजह है कि पूरा विश्व आज का दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर भी मनाता है।
उन्होंने कभी मांस न खाने और झूठ न बोलने का संकल्प लिया। सत्य उनका जीवन का सबसे बड़ा मौलिक गुण था। उनका जीवन सत्य और अहिंसा के नैतिक मूल्यों पर आधारित था। बापू कहते थे कि बार बार निश्चय को बदलना नहीं चाहिए, इससे मन कमजोर होता है। बापू के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व का मार्गदर्शन करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे। आने वाले समय में वैश्विक समस्याओं से निपटने में गांधी दर्शन व उनके विचार और ज्यादा प्रासंगिक होंगे। आज के दिन हमें उनके विचारों को अपने जीवन में उतारने का प्रण लेना चाहिए।
जय हिंद..। जय भारत..। भारत माता की जय...||
महात्मा गांधी हिंदी भाषण-5
बिना हथियार उठाए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मोहनदास करमचन्द गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था।
गांधी जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकोट से प्राप्त की। वह सिर्फ 13 वर्ष के थे जब उनका विवाह पोरबंदर की कस्तूरबा से कर दिया गया जिन्होंने आगे चलकर बापू का विभिन्न आंदोलनों में साथ दिया।
स्कूली शिक्षा के बाद गांधी जी वकालत की पढ़ाई करने के लिये लंदन चले गए। लंदन से बैरिस्टर की डिग्री हासिल कर उन्होंने बड़ा अफसर या वकील बनना उचित नहीं समझा, बल्कि अपना पूरा जीवन देश के नाम समर्पित कर दिया। अपने जीवन में उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन किए। और भारत देश को अंग्रेजो की जंजीरो से आजाद कराया...। महात्मा गांधीजी के प्रमुख भूमिका मे और सभी देशभक्ती के प्रयास से भारत देश 15 ऑगस्ट 1947 मे स्वतंत्र हुआ..
जय हिंद..। जय भारत..। भारत माता की जय...।
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Today is October 2nd and we have gathered here to celebrate the birth anniversary of Mahatma Gandhi. He is popularly known as the “Father of the Nation”, and was born in Porbandar, Gujarat in 1869. His full name was Mohandas Karamchand Gandhi.
Gandhi considered truth and non-violence as the greatest weapons of his life. He taught us that big changes can be brought about even without violence. Under his leadership, India fought important battles in the freedom struggle, such as the Non-Cooperation Movement, the Dandi March, and the Quit India Movement.
Gandhi dreamed of India living together with people of every caste, religion, and community. He gave equal status to every human being and always helped the poor and the deprived. We should learn a lot from his life—simplicity, self-reliance, and the courage to walk on the path of truth.
Gandhi was assassinated on 30 January 1948, but his principles are still alive today. His life was dedicated towards truth and non-violence.
Today, on the occasion of Gandhi Jayanti, we all should pledge to follow his ideas. Let us also teach our students to follow the path of truth and non-violence.
Thank you!
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